Thursday, December 8, 2011

सरला राय की कृति : पूर्णियॉं के साहित्‍यकार

कोसी अंचल की दिवंगत लेखिका सरला राय की एक महत्‍वपूर्ण आलोचनात्‍मक कृति है 'पूर्णियाँ के साहित्‍यकार'। इसका प्रकाशन 1991 में तूलिका प्रकाशन, नई दिल्‍ली से हुआ था। सरला जी ने अपनी कृति में बांग्‍ला, मैथिली, उर्दू और हिन्‍दी के आठ लेखकों के जीवन और कृतित्‍व पर इस पुस्‍तक में विस्‍तार से प्रकाश डाला है। ये लेखक हैं--बांग्‍ला के केदारनाथ बंद्योपाध्‍याय एवं सतीनाथ भादुड़ी, मैथिली के कुमार गंगानंद सिंह एवं लिली रे, उर्दू के वफा मलिकपुरी एवं तारिक जमीली तथा हिन्‍दी के लक्ष्‍मीनारायण सुधांशु एवं फणीश्‍वरनाथ रेणु।
कहने की जरूरत नहीं कि अपनी अपनी भाषाओं में पूर्णिया जिले के इन साहित्‍यकारों ने राष्‍ट्रीय क्षितिज पर अपनी विशिष्‍ट पहचान कायम की है। लेखिका का विचार कुछ अन्‍य साहित्‍यकारों का परिचय प्रस्‍तुत करनेवाले पुस्‍तक के आगामी खंड भी प्रकाशित करवाने का था, लेकिन वह संभव नहीं हो पाया। सरला जी ने अपने लेखों में उक्‍त साहित्‍यकारों का न केवल पारिवारिक विवरण और जीवन प्रस्‍तुत किया है, वरन उनकी प्रकाशित-अप्रकाशित कृतियों की सूची देते हुए उनके साहित्‍यिक दाय और महत्‍व का प्रतिपादन भी भली-भॉति किया है।

Monday, October 24, 2011

कविता कोसी : कोसी अंचल की साहित्‍यिक विरासत


युवा कवि, आलोचक-संपादक देवेन्‍द्र कुमार देवेश ने कोसी अंचल (सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया जिलों) में जन्‍मे अथवा यहॉं के निवासी रचनाकारों द्वारा रचित पद्य साहित्‍य को उसके समालोचनात्‍मक आकलन के साथ क्रमबद्ध एवं व्‍यवस्‍थित रूप में 'कविता कोसी' शीर्षक से प्रकाशित करने का प्रशंसनीय कार्य किया है। 'कविता कोसी' के अब तक (2009 ई.) पॉंच खंड प्रकाशित हैं, जिनकी प्रकाशक हैं अनीता पंडित प्रत्‍येक खंड में डॉ. कामेश्‍वर पंकज द्वारा लिखित समालोचनात्‍मक आलेख पुस्‍तक के प्रारंभ में दिया गया है।

Monday, April 18, 2011

कविता कोशी तीर की


'कविता कोसी तीर की' बिहार प्रगतिशील लेखक संघ, पटना द्वारा 1997 में प्रकाशित एक महत्‍वपूर्ण कविता-संग्रह है, जिसके संपादक प्रभुनारायण विद्यार्थी हैं। इस संग्रह में कोसी अंचल के मधेपुरा जिला निवासी साठ नए-पुराने कवियों की कविताऍं और उनके संक्षिप्‍त परिचय का समावेश किया गया है। संग्रह के आरंभ में विद्यार्थी जी के संपादकीय के साथ-साथ 26 पृष्‍ठों का एक लंबा आलेख भी लिखा है, जिसमें उन्‍होंने मधेपुरा जिला की काव्‍य-साधना की परंपरा, विकास और समकालीन साहित्‍यिक विमर्श को आकलित किया है। पुस्‍तक की भूमिका प्रतिष्‍ठित कवि-आलोचक डॉ. खगेन्‍द्र ठाकुर ने लिखी है, जिसमें उन्‍होंने सर्जनात्‍मक सांस्‍कृतिक इतिहास तैयार करने के इस प्रयास का अभिनंदन किया है।
संग्रह में गोपीनाथ महाराज, विश्‍वनाथ महाराज, जिद्दत मधेपुरवी, भोलानाथ मायल, मनमोहन महाराज, यदुनाथ झा यदुवर, पुलकित लाल दास मधुर, युगल शास्‍त्री प्रेम, सत्‍यनारायण पोद्दार सत्‍य, प्रभाकर कवि, विद्याकर कवि जैसे पुराने कवियों के साथ-साथ हरिमोहन मिश्र, भगवानचंद्र विनोद, इंदुबाला देवी, हरिशंकर श्रीवास्‍तव शलभ, देवनारायण पासवान देव, महेन्‍द्रनारायण मस्‍ताना, सुरेन्‍द्र प्रसाद साह, रमेन्‍द्र यादव रवि, सुबोध सुधाकर, बसंत, मंजुश्री वात्‍स्‍यायन, भूपेन्‍द्रनारायण यादव मधेपुरी, विनय कुमार चौधरी, शब्‍बीर अहमद, शंभूशरण भारतीय, आर्या दास, शांति यादव, जनार्दन यादव, संजय कुमार सिंह, अरविन्‍द श्रीवास्‍तव, उल्‍लास मुखर्जी आदि मधेपुरा निवासी प्रमुख कवियों की कविताओं का संकलन किया गया है।

Thursday, January 13, 2011

बच्‍चा यादव द्वारा संपादित 'कथा-कोशी'


कोसी अंचल के प्रतिष्‍ठित अध्‍येता बच्‍चा यादव के संपादन में रचनाकार प्रकाशन, पूर्णिया से 1997 में प्रकाशित कहानी-संचयन 'कथा-कोशी' कोसी अंचल के समकालीन कथा परिदृश्‍य से परिचय करानेवाली महत्‍वपूर्ण पुस्‍तक है। इस पुस्‍तक के मुखपृष्‍ठ पर हिन्‍दी के प्रख्‍यात कथाकारों फणीश्‍वरनाथ रेणु और नागार्जुन की ऐसी दुर्लभ तस्‍वीर प्रकाशित है, जिसमें वे दोनों धान की रोपाई का काम कर रहे हैं। पुस्‍तक में वरिष्‍ठ-कनिष्‍ठ 43 कथाकारों की कहानियॉं संकलित हैं। साथ ही कोसी अंचल के तत्‍कालीन कथा-परिदृश्‍य की पड़ताल करते हुए धनेशदत्‍त पांडेय का आलेख 'रेणु माटी के कथाकार' और कल्‍लोल चक्रवर्ती का आलेख 'रेणु की कथा-परंपरा का प्रकाशन भी किया गया है।
संकलन में शामिल कथाकारों में चंद्रकिशोर जायसवाल, रामधारी सिंह दिवाकर, विजयकांत, महाप्रकाश, कमला प्रसाद बेखबर, नवरंग प्रसाद जायसवाल, राधा प्रसाद, सरला राय, कृतनारायण प्‍यारा, हरि दिवाकर, अनिलचंद्र ठाकुर, धनेश दत्‍त पांडेय, वसंत कुमार राय, सुबोध कुमार झा, देवशंकर नवीन, कल्‍लोल चक्रवर्ती, संजीव ठाकुर, संजय कुमार सिंह और रणविजय सिंह सत्‍यकेतु प्रमुख हैं।
बच्‍चा यादव ने संकलन की भूमिका में कोसी अंचल की ऐतिहासिक, सांस्‍कृतिक और साहित्‍यिक पृष्‍ठभूमि को रेखांकित करने का सफल प्रयास किया है। उल्‍लेखनीय है कि बच्‍चा यादव (जन्‍म फरवरी 1958, महथवा, अररिया) की गवेषणात्‍मक रचनाऍं 'हिन्‍दुस्‍तान', 'आज', पाटलिपुत्र टाइम्‍स', 'गंगा' आदि पत्र-पत्रिकाओं में बराबर स्‍थान पाती रही हैं। वे बिहार सरकार के अधिकारी हैं तथा 'मुहिम' (त्रैमासिक) पत्रिका के संपादन से जुड़े रहे हैं।